दु:ख दर्द, ख़ुशी : शरीरिक हाव भाव, सब एक समान

 




हम कुछ जानवरों से खूब लगाव रखते हैं वहीं दूसरी ओर अन्य जानवरों को भोग की वस्तु बनाते हैं। गाय, मुर्गी, बकरी, भेड़ जैसे कई जानवरों को पशु उत्पाद छीनने के लिए रात-दिन प्रताड़ा जाता है। सभी प्राणियों में सुख, दुःख, प्रसन्नता जैसी कई भावनाएँ समान होती हैं। कुछ जानवरों को हम हजारों लाखों रुपए से खरीद कर अपना शौक पूरा करते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ जानवरों की  माँस हमें खूब भाता है। एक को प्यार और दूसरे पर वार, कब तक यह दुराचार। हम अपनी कामना के आगे जानवरों का दर्द भूल गए हैं, ज़रूरी है कि हम सभी कुत्तों को एक समान आधार दें। पशुओं के साथ हो रहे भेदभाव और हिंसा को समाप्त करने के लिए बोध और करुणा को अपने जीवन का आधार बनाएं, पशुओ जानवरों के प्रति दयालु बनें! -रविन्द्र कुमार

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